भारत में एक बार फिर हुआ मॉक ड्रिल

क्षेत्रीय तनाव के बीच भारत की तैयारी का प्रदर्शन
तारीख: 28 मई 2025
श्रेणी: रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा
भारत ने एक बार फिर अपनी तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल (काल्पनिक अभ्यास) आयोजित किए हैं। ये अभ्यास सीमावर्ती क्षेत्रों और संवेदनशील स्थानों पर किए गए, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और तालमेल का प्रदर्शन हुआ।
इस अभ्यास में वायु हमले, घुसपैठ, साइबर हमले और आपदा प्रबंधन जैसे विभिन्न परिदृश्यों को शामिल किया गया। इसमें सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य आपदा प्रबंधन टीमों ने हिस्सा लिया।
क्या संकेत दे रहे हैं ये मॉक ड्रिल?
हालांकि ये अभ्यास नियमित प्रक्रिया के तहत किए जा रहे हैं, लेकिन इनका समय और स्तर इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत पड़ोसी देशों को एक मजबूत संदेश देना चाहता है।
“यह स्पष्ट संकेत है कि भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है,” ऐसा कहना है एक पूर्व रक्षा विशेषज्ञ का।
आम लोगों पर क्या असर पड़ा?
जहां अभ्यास हुए, वहां स्थानीय प्रशासन ने पहले से सूचित कर दिया था, जिससे घबराहट की स्थिति न बने। कुछ क्षेत्रों में स्कूलों को छुट्टी दी गई या समय से पहले बंद कर दिया गया। सायरन, आपातकालीन संदेश और सैनिक गतिविधियों ने स्थानीय निवासियों को भी जागरूक करने में मदद की।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: चुप्पी, लेकिन नजरें बनी हुई हैं
पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वहां की सुरक्षा एजेंसियां इन गतिविधियों पर गहराई से नजर बनाए हुए हैं। इस तरह के अभ्यास भविष्य में कूटनीतिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय और आगे की दिशा
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये मॉक ड्रिल केवल अभ्यास नहीं हैं, बल्कि भारत की रणनीतिक सतर्कता का प्रदर्शन हैं। आने वाले दिनों में इन अभ्यासों का मूल्यांकन किया जाएगा:
- क्या ये केवल रूटीन अभ्यास हैं या रणनीतिक संदेश?
- क्या इससे भारत-पाक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है?
- आम नागरिकों को इसे चिंता की दृष्टि से देखना चाहिए या इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती मानना चाहिए?
निष्कर्ष
आज के समय में जब परंपरागत युद्ध और आधुनिक तकनीकी खतरे एक साथ मौजूद हैं, तैयारी ही सबसे बड़ा हथियार है। भारत के ये मॉक ड्रिल न केवल सैन्य बलों की क्षमता का परीक्षण हैं, बल्कि यह विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय का भी प्रतीक हैं।