यूक्रेन का दावा: ड्रोन हमलों में 40 से अधिक रूसी लड़ाकू विमान हुए नष्ट

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में एक बड़ा मोड़ तब आया जब यूक्रेन ने दावा किया कि उसके ड्रोन हमलों में रूस के कम से कम 40 लड़ाकू विमान नष्ट हो गए हैं। यह हमला रूसी सैन्य ठिकानों पर एक साथ कई दिशाओं से किया गया, जिसे अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला बताया जा रहा है।

हमला कैसे हुआ?

यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, यह एक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध ऑपरेशन था जिसमें एक साथ कई ड्रोन रूस के अंदर स्थित हवाई अड्डों की ओर भेजे गए। इन हमलों का मकसद रूसी वायुसेना की क्षमताओं को कमजोर करना और रणनीतिक ठिकानों को नुकसान पहुंचाना था।

रिपोर्टों के अनुसार, हमले में केवल विमान ही नहीं, बल्कि रडार सिस्टम, ईंधन भंडारण केंद्र और अन्य सैन्य उपकरण भी निशाना बनाए गए।

रूस की प्रतिक्रिया

रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने अधिकतर ड्रोन को मार गिराया है और स्थिति पर नियंत्रण बना हुआ है। हालांकि, कुछ स्थानीय रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में रूस के अंदर विस्फोटों की पुष्टि होती नजर आ रही है।

हालांकि रूसी अधिकारियों ने यह नहीं स्वीकारा कि इतने अधिक विमानों को नुकसान हुआ है, परंतु यूक्रेनी सैन्य सूत्र इस हमले को एक “बड़ी सफलता” मान रहे हैं।

रणनीतिक महत्व

यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन के जरिए यह दर्शाने की कोशिश की है कि वह अब रूसी सीमाओं के भीतर भी हमला करने की क्षमता रखता है। यह रूसी वायु हमलों का सीधा जवाब माना जा रहा है, जिन्होंने यूक्रेनी शहरों को काफी नुकसान पहुंचाया है।

सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यूक्रेन का दावा सही साबित होता है, तो यह रूस की हवाई ताकत के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। इससे रूसी सैन्य अभियान की गति धीमी पड़ सकती है और युद्ध की दिशा भी बदल सकती है।

निष्कर्ष

रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष लगातार तकनीक और नई रणनीतियों की ओर बढ़ रहा है। ड्रोन जैसे आधुनिक हथियार अब युद्ध का प्रमुख हिस्सा बन चुके हैं, और यह घटनाक्रम इसका ताज़ा उदाहरण है। आने वाले दिनों में यह देखा जाना बाकी है कि यह हमला युद्ध की तस्वीर को किस हद तक बदल पाएगा।

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